Tuesday 21 March 2017

"एक अजीब सा मंजर नज़र आता है; हर एक आँसूं समंदर नज़र आता है; कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना; हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता है।"



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